69000 सहायक शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने सीएम आवास पर प्रदर्शन किया, पुलिस ने रोका और भेजा ईकोगार्डेन

69000 सहायक शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने सीएम आवास पर प्रदर्शन किया, पुलिस ने रोका और भेजा ईकोगार्डेन


लखनऊ। आज 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में उत्तर कुंजी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से नवंबर 2022 में एक अंक का याची लाभ प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को रोक कर उन्हें बस में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया l

मुख्यमंत्री आवास के निकट सड़क पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना था कि  जब सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2022 को सरकार की  सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज कर उन्हें एक अंक का याची लाभ प्रदान करते हुए उनके पक्ष में ऑर्डर दे दिया तो सरकार सुप्रीम कोर्ट के आर्डर का पालन करते हुए उन्हें नियुक्ति क्यों नहीं दे रही जबकि अभ्यर्थी पिछले दो महीने से  ईकोगार्डन में नियुक्ति के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं तथा वह कई बार बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर भी धरना प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा आखिर वह अभ्यर्थी अब सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कौन से न्यायालय में जाएं । 

सरकार उत्तर कुंजी पर सुप्रीम कोर्ट से एक अंक का याची लाभ प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति देना ही नहीं चाहती इसीलिए वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्पष्ट तौर पर कहता है कि इस भर्ती की अंतिम काउंसलिंग की कट ऑफ से इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी। 

 पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह का कहना है कि सरकार 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले में ना तो 13 मार्च 2023 को दिए गए हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इस भर्ती की मूलचयन सूची बनाकर कोर्ट में पेश कर रही है और ना ही आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय दे रही और यही कारण है कि इस भर्ती में नौकरी कर रहे बीएड चयनित अभ्यर्थियों को भी सरकार ब्रिज कोर्स नहीं करा रही आखिर जिम्मेदार पद पर स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद तथा बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल सरकार की छवि क्यों धूमिल कर रहे हैं और क्यों इन अधिकारियों की जवाबदेही नहीं बन रही कि अभ्यर्थियों को न्याय दिया जाए और इन अधिकारियों के ऊपर आखिर किसका संरक्षण है जो इन अधिकारियों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही और यह अधिकारी हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे और सरकार की निरंतर छवि धूमिल होती जा रही है और विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है और आए दिन यह अभ्यर्थी सड़क पर धरना प्रदर्शन करते हैं ।

सरकार 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड चयनित अभ्यर्थियों को ब्रिज कोर्स कराने तथा उत्तर कुंजी मैटर पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के लिए यह बयान लिखित में देती है कि जब तक आरक्षण का मुद्दा सॉल्व नहीं होगा हम कुछ नहीं कर सकते लेकिन  अधिकारियों को किसने रोका है वह आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट में अपना पक्ष रखकर इस मुद्दे को क्यों निस्तारित नहीं करना चाहते और वह बार-बार कोर्ट से लंबी-लंबी तारीख लेकर क्यो भाग जाते है। 

69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है और ओबीसी वर्ग को 27% की जगह 3.80% तथा एससी वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.2% आरक्षण दिया गया है और इस प्रकार इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया गया है और यही कारण है कि लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच 13 मार्च 2023 को सरकार को इस भर्ती की 1जून 2020 को प्रकाशित लिस्ट को दोबारा से अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटागिरी, सब कैटिगरी आदि के कॉलम में बनाने का निर्देश दे चुकी है लेकिन आज 5 महीने से अधिक का समय बीत गया, बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इस लिस्ट को हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी नहीं बना रहे और बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी यह कहकर सभी मुद्दों को टाल रहे हैं कि जब तक आरक्षण का मुद्दा कोर्ट से सॉल्व नहीं होगा तब तक  वह कुछ नहीं कर सकते  ।

स्कूली बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद तथा बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल आरक्षण का मुद्दा हाई कोर्ट डबल बेंच से सॉल्व कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं और यही कारण है कि इस भर्ती में बीएड चयनित अभ्यर्थियों को ब्रिज कोर्स नहीं कराया जा रहा और ना ही सुप्रीम कोर्ट से एक अंक का याची लाभ प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा इन सबके पीछे सरकार की छवि धूमिल करने के लिए स्कूली बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय कारण आनंद तथा बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल दोषी है जो हाई कोर्ट में इस भर्ती की मूल चयन सूची को पेश नहीं कर रहे और इन अधिकारियों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है ।

इस भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच में 20 नवंबर को सुनवाई होगी ऐसी स्थिति में अब सरकार को चाहिए कि वह 20 नवंबर को कोर्ट मे अपना पक्ष रखें ताकि आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को  न्याय मिल सके और आरक्षण मुद्दे के साथ-साथ इससे जुड़े  ब्रिज कोर्स तथा उत्तर कुंजी मैटर के मुद्दों का निस्तारण किया जा सके ।