केजीएमयू के डॉक्टरों ने की दुर्लभ बीमारी का सफल ऑपरेशन

केजीएमयू के डॉक्टरों ने की दुर्लभ बीमारी का सफल ऑपरेशन

सिद्धार्थनगर निवासी सहजाद आलम और रहीमा  खातून अपने 13 महीने  की छोटी बेटी रूमाइशा को लेकर काफी परेशान थे, पिछले 5 महीने से उम्र के साथ बेटी के पेट में सूजन लगातार बढ़ती जा रही थी. माता-पिता ने काफी जगह बच्चे के इलाज कराया परन्तु कुछ आराम नहीं मिला, अपितु बच्चे के पेट की सूजन लगातार बढाती गयी तथा बच्ची की हालत भी नाजुक होती चली गयी थी, साथ में बच्ची कुछ खा पी भी नहीं पा रही थी, जिसकी वजह से बच्ची का वजन भी लगातार  काम हो रहा था. तब माँ बाप परेशान  होकर गंभीर हालत में बच्ची को लेकर के जी ऍम यू लखनऊ  के ट्रामा सेंटर पहुंचे, उसके बाद  बच्ची को पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर जे डी रावत की टीम में भर्ती किया गया, जांच के बाद पता चला की बच्ची के पेट में बड़ी सी गाँठ है जो बड़ी नसों, धमनिया, बाएं गुर्दे , तथा बाएं फेफड़े की झिल्ली से चिपकी हुई थी ।  प्रोफेसर जे डी रावत एवं उनकी टीम ने बच्चे को दिनांक ३१ जुलाई २०२३ को बच्ची का ऑपरेशन किया ।  प्रोफेसर जे डी रावत ने कैंसर की गाँठ को सफलता पूर्वक बड़ी नसों, धमनिया तथा बाएं गुर्दे को बचते हुए निकला दिया, जिसमें ३ घंटे का समय लगा.  बच्चा वार्ड में अभी स्थिर हालत में है तथा स्वास्थ में सुधार हो रहा है.  करने वाली टीम में पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर जे डी रावत, डॉक्टर सर्वेश  कुमार गुप्ता, अंजू सिस्टर तथा निस्चेतना विभाग से डॉ सतीश वर्मा शामिल थे. 
इस बीमारी  को फ़ीटस इन फिटु (Fetus in fetu) कहते है. क्योंकि इस गाँठ में हड्डी एवं शरीर के अन्य भाग बाल, आंत भी विकसित थे।  यह एक विरल असाधारण  बीमारी होती है।  जो की 1:5,00,000 में पायी जाती है।

रिपोर्ट-उप चेयरमैन सुनील चौरसिया